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किसी समय रास्ते पर गोलगप्पे बेचता था यह खिलाड़ी, IPL में 4 करोड़ में किया गया रिटेन

आईपीएल में अपना जलवा दिखाने वाले खिलाड़ी यशस्वी जयसवाल की हर तरफ चर्चा हो रही है। दरअसल अगले वर्ष यानी साल 2022 में होने वाली आईपीएल मैच एस की तैयारी अभी से शुरू की जा चुकी है। इसके लिए हर टीम के खिलाड़ियों की रिटेन सूची भी बीसीसीआई को सभी टीमों के द्वारा सौंप दी गई है। इनमें से राजस्थान रॉयल्स ने अपने केवल तीन खिलाड़ियों को ही बरकरार रखने पर निर्णय किया। उन तीन खिलाड़ियों में एक नाम यशस्वी जयसवाल का रहा और अन्य दो खिलाड़ी संजू सैमसन और जोस बटलर के रूप में है।

4 करोड़ लगी यशस्वी जयसवाल की कीमत

बता दे कि यशस्वी जयसवाल के चयन पर हर कोई आश्चर्यचकित है क्योंकि उन्हें राजस्थान रॉयल्स के द्वारा 4 करोड़ में रिटेन किया गया है। बता दे कि साल 2020 में भी वे राजस्थान रॉयल्स के लिए ही खेल रहे थे परंतु तब उन्हें 2.4 करोड़ रुपए में ही खरीदा गया था। हालांकि तब उनकी बेस कीमत 20 लाख रुपए थी। परंतु क्रिकेट में उनके टैलेंट को देखते हुए उन्हें इतना अधिक दर्जा दिया गया है। बता दें कि यशस्वी जयसवाल को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था और वह इसके लिए हमेशा ही प्रयासरत रहते थे।

यशस्वी के पिता गोलगप्पे बेचते थे

यशस्वी जयसवाल बहुत ही सामान्य परिवार से आते हैं। उनके पिता उत्तर प्रदेश के भदोही में रास्ते पर गोलगप्पे बेचने का काम किया करते हैं। वर्तमान में यशस्वी जयसवाल 20 वर्ष के परंतु जब वे 10 वर्ष के थे तभी उन्होंने अपने पिता से मुंबई आने की जीत की। उनके पिता ने भी उन्हें मुंबई में अपने एक रिश्तेदार के यहां भेज दिया। इस दौरान वे रोज आजाद मैदान पर क्रिकेट की प्रैक्टिस करने के लिए जाते थे। परंतु उनके रिश्तेदार का बहुत छोटा था इसलिए वहां रहने के लिए उन्हें काफी दिक्कत होती थी।

यशस्वी के जीवन का संघर्ष

यशस्वी ने अपना पेट पालने के लिए मुंबई के आजाद मैदान पर भी गोलगप्पे बेचे। बाद में पैसा कमाने के लिए वे एक दूध डेयरी में काम पर लग गए। परंतु किसी बात के चलते दूध डेरी से उन्हें निकाल दिया गया। रहने के लिए जगह ढूंढते ढूंढते हुए यशस्वी जयसवाल एक प्राइवेट क्लब के संपर्क में आए। उन्होंने यशस्वी को अपने टेंट में रहने के लिए जगह दे दी परंतु इस शर्त के साथ की यशस्वी उनके लिए अच्छा क्रिकेट खेलेंगे। इस दौरान भी यशस्वी खोई हुई गेंद ढूंढ कर लाने का काम करते थे क्योंकि उससे उन्हें पैसे मिलते थे जिससे उनका गुजारा हो जाता था।

कुछ ज्वाला सिंह ने दिया विशेष प्रशिक्षण

यहीं से यशस्वी के जीवन की कथा यशस्वी होती चली गई। वह रोजाना प्रैक्टिस करते थे और इसी दौरान कोच ज्वाला सिंह की नजर उन पर पड़ी। ज्वाला सिंह को यशस्वी जयसवाल में काफी अच्छी प्रतिभा दिखाई दी जिसके बाद उन्होंने यशस्वी जयसवाल के ऊपर और अधिक ध्यान दिया और उन्हें अच्छी ट्रेनिंग भी। आज के समय में यशस्वी जयसवाल भी मेन स्ट्रीम खिलाड़ियों की सूची में अपना नाम शामिल करवाने में कामयाब हो चुके हैं।

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