मार्च आते-आते गर्मियां शुरू हो गई है. इस मौसम में इंसान के शरीर को पानी की काफी जरुरत होती है. ऐसे में अपनी प्यास बुझाने और शरीर को ठंडक प्रदान करने के लिए लोग ठन्डे पानी को पीना पसंद करते है. लोग कई भी जाते है प्लास्टिक की ठंडी बोलते लेते है. घरों और ऑफिस में भी प्लास्टिक की बोतलों में ही पानी को भरकर रखा जाता है. हम प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल इसीलिए करते है क्योंकि यह हमें कम कीमत में मिल जाती है. कुछ घरों में तो कोल्ड्रिंक या जूस की बोतलों को साफ़ करके उसमे पानी को स्टोर किया जाता है.
आपको बता दे कि अपने दैनिक जीवन में प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. सस्ती होने के कारण आपको इससे पानी पीने की आदत लग जाती है, जो बहुत बुरी आदत है.
आखिर कैसे बनती है प्लास्टिक की ये बोतले?
जानकारी के लिए आपको बता दे कि प्लास्टिक की ये बोतले कई कैमिकल प्रोसेस के बाद बनती है. हर क्षेत्र ने कई तरह के प्लास्टिक को एकत्र करके इसे निश्चित ताप पर पिघलाया जाता है और इसमे कई तरह के कैमिकल डाले जाते है. इस पूरे रीसायकल प्रोसेस के बाद इन्हें बोतल का शेप दिया जाता है. इसे बनाने के प्रोसेस में काम में लिए गए कैमिकल विषैले होते है, जिओ मावन शारीर को प्रभावित करते है.
हालाँकि कई बड़ी बोतल की कम्पनियाँ ये दावा कर चुकी है कि बोतल बनाने के प्रोसेस में वे किसी भी हानिकारक कैमिकल का इस्तेमाल नहीं करती है, लेकिन बाद में लेब टेस्टिंग के बाद ये दावे गलत पाए गए.
आपको बाते दे कि ये प्लास्टिक इतना खतरनाक होता है कि अगर इसे किसी जगह पर फेंक दिया जाय तो इसे सड़ने में सालों लग जाते है. ये जमीन की उर्वरा शक्ति को भी नष्ट करते है. तो इस बात ये आप ये सोच सकते है कि इन्सान को स्वास्थ्य को यह कितना नुकसान पहुंचा सकता है.
स्टील या कॉपर की बोतलों का करे इस्तेमाल
अगर आपको अपने और परिवार के स्वास्थ्य की थोड़ी भी चिंता है, तो आज ही प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीना छोड़ दीजिये और घर हो या ऑफिस, हर जगह स्टील या कॉपर से बनी बोतलों का इस्तेमाल कीजिये. विशेषकर बच्चों और गर्भवती महिलाओं और घर के बड़े बुजुर्गों को प्लास्टिक की बोतलों के उपयोग को रोके.
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