हमारे देश में महिलाओं को शिक्षा प्राप्त हो इसके लिए अतिथ में कई आंदोलन हुए। कई समाजसुधारको मैं बड़े पैमाने पर जनजागृति के आंदोलन भी चलाएं। महिलाओं को शिक्षा के लिए प्रेरित किया जा सके इसलिए सरकार की तरफ से अनेक प्रकार की सुविधाएं मुहैया कराई गई। देश के कुछ राज्यों में तो महिलाओं को शिक्षित करने के लिए मुफ्त में शिक्षा प्रदान करने के भी प्रावधान है। परंतु जब महिलाओं के परिवार वालों की ही मानसिकता महिलाओं को अशिक्षित बनाए रखने की हो तो सरकार की यह सारी योजनाएं धरी की धरी रह जाती है।
राजस्थान के जोधपुर से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे देखकर आप सच में यह कहेंगे कि यदि घर में महिलाओं की शिक्षा के प्रति ऐसा वातावरण हो तो कोई सरकार या सामाजिक आंदोलन महिलाओं को शिक्षित करने की दिशा में विफल ही साबित हो जाएंगे। राजस्थान के जोधपुर में रहने वाली पांच बहनों ने अपने चचेरे भाइयों पर आरोप लगाया है कि वे केवल पांचवी पास है और पांचों बहने ग्रेजुएट हो गई है इसलिए गुस्से में आकर भाइयों ने उन पांचों बहनों की पिटाई कर दी।
जी हां दोस्तों राजस्थान के जोधपुर के विश्नोई डुढ़ियों के ढाणी में एक परिवार ऐसा है कि जहां पर बेटियां ज्यादा पढ़ लिख गई जिसके कारण उनके परिवार के कुछ सदस्यों को यह बात नागवार गुजरी। दरअसल इस परिवार की 5 बेटियां ग्रेजुएशन तक पढ़ चुकी है और अभी प्रतियोगि परीक्षाओं के लिए तैयारियों में जुटी हुई है। वही इन पांचों बहनों के चाचा और ताऊ के बेटे पांचवी कक्षा से ज्यादा पढ़ नहीं पाए हैं। जैसे ही उनके भाइयों को पता चला कि वह ने ग्रेजुएशन कर चुकी है तो उन्हें अपनी बहनों से चीड़ होने लगी और उसी द्वेष के चलते उन्होंने लाठी-डंडों से बहनों की पिटाई कर दी।
भाइयों ने अपनी बहनों की ना केवल पिटाई कर दी बल्कि उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया। बहनों ने बंद कमरे में से तुरंत पुलिस को फोन कर दिया। पुलिस मौका ए वारदात पर पहुंची और पांचों बहनों को कमरे से बाहर निकलवाया। बाद में पांचों बहनों (बड़ी बहन 25 साल की सीमा, 23 साल की बहन मूमल, 21 साल की नैनी, 19 साल की सुमित्रा और 18 साल की अनिता) ने मिलकर अपने चचेरे भाइयों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी है। बहनों ने कहा कि उनके भाइयों ने उन्हें यह भी धमकी दी है कि अगर वे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी का करेंगी तो उन्हें इससे भी बुरा खामियाजा भुगतना पड़ेगा।
