भारत और चीन के बीच में जो तनाव पिछले कुछ समय से चला है उसके कारण भारत और इसके साथी मित्र से लेकर हर कोई काफी अधिक सतर्क हो गया है क्योंकि अब चीन एक भरोसेमंद पडोसी भारत की सरकार की नजर में रह नही गया है और कही न कही बहुत से लोगो के लिए ये चिंता का विषय भी रहता है, लेकिन हाल ही में बॉर्डर पर जो भी घटनाक्रम हुआ है उसके कारण से सिर्फ दुनिया ही नही खुद भारत के लोग भी हैरान है क्योंकि चीन फिर से पीठ दिखा रहा है.
बॉर्डर से पीछे हट रहा चीन, अपने टैंक और सैनिक भी ले गया
लगभग एक साल से भी ज्यादा वक्त से चले संघर्ष के बाद में आखिरकार चीन ने भारत से एक समझौता कर लिया है जिसके बाद में वो अपने 200 से ज्यादा टैंक पेंगोंग त्सो लेक के किनारों से हटा रहा है. उसने अपने हजारो की संख्या में सैनिक भी वापिस बुला लिए है और ये लोग कई किलोमीटर तक पीछे हट चुके है. ऐसे में इसे भारत की बहुत ही बड़ी कूटनीतिक जीत के तौर पर भी देखा जा रहा है ये बात सटीक है.
भारत पर दबाव बनाने की कोशिश हुई नाकाम
चीन अपने लगभग हर पडोसी पर इसी तरह से दबाव बनाने की कोशिश में रहता है जहाँ पर वो पडोसी देशो को दबाने में यकीन रखता है. जापान हो या फिर ताइवान हो सबके ऊपर हावी होकर वो दबा देता है लेकिन भारत के साथ में उसकी ये नीति बिलकुल भी काम नही आयी. चीन ने पिछले एक साल में अरबो रूपये भारत के खिलाफ बॉर्डर पर अग्रेसन दिखाने में खर्च कर दिए लेकिन भारत भी पलट कर जवाब देता रहा जिससे वो आखिरकार में थक हार कर के वापिस लौट गया है.
मोदी सरकार ने कहा ये एक कला, जल्द पूरे होगा डिस इंगेजमेंट
मोदी सरकार से जुड़े एक अधिकारी ने कहा ये होना है और आगे भी होगा. जल्द ही कुछ दिनों के अन्दर बॉर्डर पर डिस इंगेजमेंट का काम पूरा हो जाएगा और कम से कम अभी फ़िलहाल के लिए बॉर्डर पर काफी ज्यादा शान्ति रहने वाली है. हालांकि भविष्य को लेकर चीन पर भरोसा नही किया जा सकता है.
