आमतौर पर हम सरकारी अधिकारियों के बारे में अपने मन में एक अलग ही धारणा बना लेते हैं। हमें ऐसा लगता है कि सभी सरकारी अधिकारी एक जैसे ही होते हैं रिश्वत लेते हैं और लोगों का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते। लेकिन हम आपको एक ऐसे आईएएस अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे देखकर आपको भी लगेगा कि आई ए एस अफसर जैसे पद पर बैठे हुए लोगों के मन में भी संवेदना बची हुई है।
यह घटना उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की बताई जा रही है। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के एक अस्पताल में आईएएस अफसर डॉ रोशन जैकब मरीजों का हालचाल जानने के लिए पहुंची। दरअसल उस इलाके में एक प्राइवेट बस और मिनी ट्रक की भिड़ंत हो गई जिसके चलते 8 लोग मौके पर ही मर गए और कुछ लोग घायल हो गए और उन सभी को देखने के लिए लखनऊ मंडल आयुक्त डॉ रोशन जैकब पहुंची थी।
अस्पताल में पहुंचकर डॉ रोशन जैकब सभी मरीजों का हालचाल जान रही थी और तभी डॉक्टर चेकअप की नजर अस्पताल में ही एक दूसरे बेड पर पड़े हुए एक छोटे से बच्चे पर पड़ी। वह बच्चा बिल्कुल भी सैंडल नहीं रहा था और उस बच्चे के पास में बेड पर ही उसकी मां भी बैठी थी। और बच्चे की मां ने बताया कि बरसात की वजह से घर की दीवार गिर गई और उसके नीचे बच्चा दब गया जिसके चलते उसकी रीढ़ की हड्डी टूट गई।
बच्चे की हालत देखकर लखनऊ मंडल आयुक्त डॉ रोशन जैकब अपनी भावनाओं पर संयम नहीं रख पाई और उनके आंसू निकल आए। इसके बाद उन्होंने उस बच्चे की मां को आश्वासन दिया कि उस बच्चे का अच्छे से इलाज किया जाएगा और कोई भी कमी नहीं रखी जाएगी। सोशल मीडिया पर डॉ रोशन जैकब का यह वीडियो काफी वायरल हो रहा है और लोग अलग अलग तरीके से डॉ रोशन जैकब की सराहना कर रहे हैं।
लखनऊ मंडल आयुक्त डॉ रोशन जैकब ने उसी समय वहां पर मौजूद डॉक्टरों से भी उस बच्चे का हाल चाल के बारे में पूछा। उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि इस बच्चे का इलाज अब तक क्यों नहीं हो पाया है? इस पर डॉक्टरों ने भी डॉ रोशन जैकब को जल्द से जल्द और बच्चे का इलाज करने का आश्वासन दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल होते हुए इस वीडियो को लेकर लोग डॉ रोशन जैकब की संवेदना की काफी सराहना करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
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