भारत देश में वैसे तो सुधार की काफी अधिक गुंजाइश है और ये बात हम भी बखूबी जानते भी है। अगर ब्यूरोक्रेसी और इसमें बैठे हुए लोग सही तरीके से काम करने लग जाए तो फिर कही न कही सुधार की गुंजाइश हमें नजर आ सकती है और ये अपने आप में काफी अधिक फायदे का सौदा दिखाई देता है। इसमें सरकार का इन्फ्रा भी बनता है और जनता की सर्विस भी बेहतर होती है जैसे कि अभी हाल ही में एक अधिकारी ने एक गाँव की सुध ली तो मानो गाँव वालो की सूनी जिन्दगी में तो बहार सी ही आ गयी।
तमिलनाडु के करुप्पमपलयम में 30 साल से नही आ रही थी कोई बस
तमिलनाडु में एक छोटा सा गाँव है जिसका नाम है करुप्पमपलयम। इस गाँव में अच्छी खासी आबादी है लेकिन सरकारी रूट न होने के चलते हुए यहाँ पर कोई भी बस नही आती थी। इस कारण से इस गाँव के लोगो को तीन से चार किलोमीटर तक पैदल चलकर के दूर सड़क पर जाना पड़ता था जहाँ पर वो किसी बड़े शहर में जाने के लिए बस पकड पाते थे. इस कारण से उनका जीवन मानो दूभर सा हो गया था।
कलेक्टर टी प्रभुशंकर ने सुलझा दी समस्या, शुरू हुई बस सर्विस
वहां के कलेक्टर टी प्रभुशंकर के पास में ये दिक्कत पहुंची तो इसे उन्होंने बाकी की समस्याओं के साथ में नही रखा बल्कि इसके ऊपर विशेष ध्यान दिया क्योंकि इस गाँव में 220 परिवार रहते है और उनको कामकाज के लिए हर रोज इतना दूर चलके जाना पड़ता है। ऐसे में इनके लिए कलेक्टर महोदय ने रोडवेज से बात की और उनकी इस समस्या को सुलझाने के लिए कहा गया।
उनके ये निर्देश के महज कुछ दिनों के बाद में ही ये दिक्कत सोल्व हो गयी है और गाँव में जो भी लोग रहते है उनका जीवन भी काफी अधिक बेहतर हो गया है। हालांकि इस तरह की कई दिक्कते है जो भारत के देहाती इलाको में पनपती रही है और इनको शासकीय लेवल पर ही सुलझाया जा सकता है, मगर उसके लिए कुर्सी पर सही आदमी का होना भी तो जरूरी है।
अभी टी प्रभु शंकर लोगो के बीच में सोशल मीडिया पर हीरो बने हुए है क्योंकि उन्होंने उस तरह से काम किया है जिस तरह से आज की तारीख में अधिकतर अफसर लोग करते नही है।
