हमारे देश में पुराने समय में कई धन संपन्न मंदिर किले और बड़े-बड़े राजा महाराजाओं के महल हुआ करते थे। हमारे देश को पुराने समय में सोने की चिड़िया भी कहा जाता था। परंतु आज वह सब किले और महल मिट्टी के टीलों में तब्दील हो गए हैं। परंतु आवश्यकता पड़ने पर जब-जब इन टीलो की खुदाई की जाती है तो इसके पहले भी और अब भी कई टीलो में से खजाना निकलने की खबरें सुनाई देती है। इसी प्रकार की खजाना मिलने की खबर उत्तर प्रदेश के कन्नौज जिले के छिबरामऊ में सिकंदरपुर के रायपुर से आई है।
(सांकेतिक तस्वीर)
खबर है कि इस जगह पर जेसीबी के द्वारा एक बड़े टीले की खुदाई की जा रही थी। खुदाई करते समय अचानक खुदाई करने वाले जेसीबी के ड्राइवर को टीले की मिट्टी में से खजाना निकलता हुआ दिखा। टीले की मिट्टी में से खजाना निकलता हुआ देख जेसीबी के ड्राइवर उस पर मोहित हो गया। उसने तुरंत अपना काम बंद किया और उसमें से एक कलश उठाकर लेकर भाग गया। बताया जा रहा है कि उस कलश में सोने के सिक्के थे। परंतु इस बात की पुष्टि अभी तक नहीं की गई है कि सचमुच में उस में सोने के ही सिक्के थे।
जेसीबी का ड्राइवर जब सिक्कों से भरा हुआ कलश लेकर भाग रहा था तो उसमें से कई सिक्के उस जगह पर गिरे पड़े मिले जिसे स्थानीय लोगों ने उन सिक्को को उठाया और अधिकारीयों को सौंप दिया। सिक्के किस धातु से बने है उसकी जांच कराई जा रही है। इस घटना की खबर तुरंत स्थानीय पुलिस को दे दी गई है। जिसके बाद पुलिस ने जेसीबी ड्राइवर को ढूंढना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही पुलिस ने पुरातत्व विभाग को भी खबर कर दी है। पुरातत्व विभाग भी उसी जगह पर पहुंचकर अपनी जांच में जुट गया है।
(सांकेतिक तस्वीर)
बताया जाता है कि सिकंदरपुर के इस रायपुर एरिया में पुरातन समय में काफी महल और धन संपन्न मंदिर हुआ करते थे। सिकंदरपुर के रायपुर इलाके का इतिहास भी बहुत पुराना है और कई राजा महाराजाओं के संबंध यहां के इतिहास से मिलते जुलते हैं। यही कारण हो सकता है कि यहां पर की जाने वाली खुदाई में सोने के सिक्के और कई अन्य अवशेष भी पाए जाते हैं।
