इंसान के पास में जिन्दगी में सब कुछ होना जरूरी नही है बल्कि जो है उसकी प्रसन्नता होनी सबसे अधिक आवश्यक मानी जाती है. मगर जब इंसान इस मामले में ही संतुष्ट सा न हो तो फिर दिक्कत हो ही जाती है और ऐसे में फिर गलत कदम उठाने की संभावना भी काफी ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसा ही कुछ एक बच्चे के साथ में भी हुआ है जो अपने जीवन में काफी अधिक सफल हो रहा था लेकिन वो अपनी जिन्दगी से संतुष्ट सा नही प्रतीत हो रहा था और ये थोड़ी उधेड़बुन में डालने वाली अवस्था भी तो होती है.
एमबीबीएस टॉपर था आशीष, अचानक से जान देने की खबर आयी सामने
आशीष अभी महाराजा अग्रसेन मेडिकल कॉलेज के फर्स्ट इयर मेंपढ़ाई कर रहा था और वो पढ़ाई में अव्वल था और टॉप करता था. एक दिन जब उसका दोस्त उसके कमरे के बाहर गया तो गेट नही खुला और जब उसे कुछ अनहोनी का अंदाजा होते हुए नजर आया तो उसने तुरंत ही इस बारे में फिर पुलिस को जानकारी दे दी. पुलिस ने आकर के देखा तो आशीष अपनी जान दे चुका था, पास में से एक दो पन्ने का नोट भी मिला है.
जिन्दगी को कोई लक्ष्य न मिलने से निराशा था आशीष
आशीष ने अपने आखिरी नोट में यही लिखा था कि वो अपनी जिन्दगी में कोई भी लक्ष्य न मिल पाने के कारण बहुत ही अधिक परेशान है. बस जिए जाओ जिए जाओ वो भी बिना किसी मतलब के, अब वो इसे आगे और जारी रख नही पाया और उसने इस तरह का कदम उठा लिया. अभी आशीष की लेखनी के साथ में उस लेख को मिलाया गया तो अधिकतर उसकी राइटिंग मिलते हुए ही नजर आ रही है.
वही उसके जानने वालो ने भी यही बताया कि पिछले समय से आशीष वाकई में काफी अधिक टेंशन आदि से गुजर रहा था और मन ही मन में काफी परेशान रहता था, मगर किसी को भी ये अंदाजा बिलकुल भी नही था कि वो इस तरह का कोई कदम उठा लेगा.
