अक्सर हम सोशल मीडिया के माध्यम से कुछ ऐसे विद्यार्थियों की कहानी सुनते हैं जिन्हें सुनकर काफी हैरानी होती है। पढ़ने लिखने की विधि कुछ बच्चों के मन में इस कदर छाई हुई होती है कि वह किसी भी विकट से विकट परिस्थिति में निराश ना हो कर अपनी पढ़ाई के लिए कटिबद्ध दिखाई देते हैं। ऐसी ही एक 11 साल की छोटी बच्ची की कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है जो अपनी 1 साल की दूध में ही बहन को गोद में लेकर स्कूल जाकर पढ़ाई करती है। जिसकी सराहना खुद मुख्यमंत्री भी कर चुके हैं।
दूध में ही बहन को स्कूल ले कर जाती है
दोस्तों हम बात कर रहे हैं मणिपुर के सुदूर गांव की रहने वाली मानिंगसिलिउ पमेई नाम की एक 11 साल की छोटी बच्ची की। बताया जाता है कि यह छोटी बच्ची चार भाई-बहनों में सबसे बड़ी है। बच्ची के घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण माता-पिता दोनों भी सुबह से लेकर रात तक काम पर जाते हैं और अपने भाई बहन को संभालने की जिम्मेदारी इस 11 साल की बच्ची पर आ गई। इस बच्ची की सबसे छोटी बहन केवल 1 साल की है और बाकी भाई बहन उससे बड़े है इसलिए मैं अपना ख्याल रख लेते हैं। लेकिन 1 साल की बच्ची घर पर अकेली नहीं रह सकती इसलिए उसकी बड़ी बहन उसे अपने साथ गोद में उठाकर स्कूल लेकर जाती है।
बच्ची की तस्वीरें वायरल
तस्वीरों में आप देख पाएंगे कि कैसे यह 11 साल की छोटी बच्ची अपनी छोटी बहन को गोद में लेकर कक्षा में बैठी है और पढ़ाई कर रही है। इस छोटी सी बच्ची की यह तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हुई। वायरल तस्वीर मणिपुर के मुख्यमंत्री एंड वीरेंद्र सिंह तक भी पहुंच गई। तस्वीरों को देखकर मणिपुर के मुख्यमंत्री काफी ज्यादा भावुक हो गए और उन्होंने तुरंत इस बच्ची को मदद पहुंचाने का फैसला कर लिया। उन्होंने अपने अधिकारियों से कहते हुए इस बच्ची से संपर्क करने को कहा और जाकर मदद पहुंचाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने पहुंचाई मदद
मुख्यमंत्री के आदेश पर एक सरकारी टीम इस बच्ची को खोजते हुए इसके घर पहुंच गए और बच्ची के माता-पिता को ₹11000 की मदद राशि दी गई। इतना ही नहीं बची के घर में राशन भी भरवाया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस छोटी सी बच्ची के मन में पढ़ने लिखने की जीत को देखकर वे काफी अचंभित है। वायरल होती इन तस्वीरों को जो कोई भी देख रहा है वह इस बच्ची की सराहना करता नहीं थक रहा। इसके साथ ही मणिपुर के मुख्यमंत्री ने आने वाले समय में भी बच्चे के पढ़ने लिखने का खर्च उठाने का वादा किया है।
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