कहते हैं अगर इंसान को कामयाब होना है तो चाहे कितनी भी परेशानी आ जाए हौसला बुलंद रखने वाला इंसान ही कामयाब होता है और बाकी सभी परेशानी ना होने के बावजूद भी हौसला डगमगा जाने के कारण कामयाबी से वंचित रह जाते हैं। लेकिन ऐसे ही मजबूत हौसले के बलबूते पर उत्तर प्रदेश के नोएडा के रहने वाले अभिनव शर्मा ने वह कारनामा कर दिखाया जो किसी भी आम विद्यार्थी के लिए कर पाना काफी मुश्किल होता है।
साल 2018 अभिनव शर्मा के लिए बहुत ही बुरा समय था। अभिनव की मां अनुपमा नोएडा के ही अपोलो अस्पताल में डॉक्टर की नौकरी करती है। उन्होंने बताया कि साल 2018 में उनके बेटे अभिनव को कार्डियक अरेस्ट हुआ था जिसके कारण वह कोमा में भी चला गया था। इसके बाद लगभग 1 साल तक अभिनव कोमा में ही रहा। उस समय वह 12वीं कक्षा में था लेकिन कोमा में रहने के कारण उसे 12वीं की पढ़ाई छोड़नी पड़ी।
लेकिन धीरे-धीरे वह अपनी बीमारी से रिकवर हुआ और कोमा से बाहर आया। इसके बाद उसे फिर से 11वीं कक्षा में एडमिशन लेनी पड़ी। सभी दोस्त भी छूट गए थे और जो कुछ पढ़ा था वह भी भूल गया था। उसे यह तक याद नहीं था कि उसने पहले ही 11वीं कक्षा पास कर ली है। लेकिन उसने लगातार अपनी पढ़ाई में मेहनत जारी रखी। कई सारे विषयों में फेल भी होता था लेकिन लगातार अपना प्रयास जारी रखा।
पुराने दोस्तों का साथ छूट जाने के कारण भी वह काफी मायूस रहता था। लेकिन अब उसे नए दोस्त मिल गए थे और उसके नए दोस्त भी उसे काफी मदद करते थे। उसने हिम्मत नहीं हारी और लगातार मेहनत करता रहा जिसकी बदौलत उसने 11वीं की परीक्षा पास कर ली। इसके बाद अब उसके सामने चुनौती 12वीं कक्षा की थी। लेकिन उसने अपने हौसले पूरे मजबूत कर रखे थे।
कोई यकीन भी नहीं करेगा कि 1 साल तक कोमा में रहने वाला बच्चा जो सब कुछ भुला चुका था उसने 12वीं कक्षा में अब 92.4% अंक हासिल करके सभी को हैरान कर दिया था। बता दें कि अभिनव शर्मा सीबीएसई की पढ़ाई कर रहा था। इस पढ़ाई में इतने ज्यादा अंक ला पाना और वह भी इतनी मुश्किल से उभरने के बाद में हासिल करना किसी भी विद्यार्थी के लिए बिल्कुल भी नामुमकिन जैसी बात होती है। लेकिन अभिनव शर्मा ने यह कर दिखाया।
