दोस्तों भारतीय सेना के जवान दिन-रात बिना अपने परिवार की चिंता किए पूरे देश को भी अपना परिवार मानकर देश के लोगों की सेवा करते रहते हैं। देश की सुरक्षा करते समय भारतीय सेना के जवान खुद की जान की भी चिंता नहीं करते। क्योंकि उन जवानों के लिए देश ही सर्वोपरि होता है और देश के लिए ही वे अपना सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तत्पर रहते हैं। देश पर अपनी जान न्योछावर करने का सबसे बड़ा उदाहरण बीते बुधवार को पूरे देश ने देखा जब तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसा हुआ।
इस हादसे ने देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका समेत 13 सैन्य अधिकारी शहीद हो गए। शहीद हुए इन सभी जवानों में से एक ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लीड्डर भी थे। ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लीड्डर जनरल बिपिन रावत के सुरक्षा सलाहकार थे। ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लीड्डर को शुक्रवार के दिन दिल्ली में मुखाग्नि दी गई और उनका अंतिम संस्कार किया गया।
ब्रिगेडियर लीडर की पत्नी ने कहीं यह बात
ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लीड्डर की अंतिम विदाई के बाद उनकी पत्नी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बहुत ही भावुक कर देने वाली बातें करें परंतु हंसते-हंसते। ब्रिगेडियर लीड्डर की पत्नी ने कहा कि हमें उन्हें हंसते-हंसते विदाई देनी चाहिए। जिंदगी बहुत लंबी है लेकिन भगवान को अगर यही मंजूर है तो अब इसी के साथ जीना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि ब्रिगेडियर लीड्डर की बेटी उन्हें बहुत याद किया करेगी। वह एक बहुत अच्छे आदमी थे और हम उनसे बहुत प्यार करते हैं।
ब्रिगेडियर की 17 वर्ष की बेटी ने कही यह बात
वही ब्रिगेडियर लखविंदर सिंह लीड्डर की बेटी आशना लीड्डर ने भी अपने पिता को नम आंखों से विदाई देते हुए मीडिया से बातचीत की। बता दें कि आशना लीड्डर केवल 17 वर्ष की है। उन्होंने कहा कि मेरे पिता के साथ बिताए मेरे 17 वर्ष काफी खुशी से बीते। वह मेरे हीरो थे और मेरे अच्छे दोस्त से। मैं अब उनकी यादों को लेकर आगे बनूंगी। उनका जाना राष्ट्र के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। ब्रिगेडियर लखबीर सिंह लिड्डर को ना केवल उनके परिवार ने बल्कि पूरे देश ने नम आंखों से विदाई दी और उनके लिए श्रद्धांजलि व्यक्त की।
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