ऐसा कहा जाता है कि दुनिया में रेलवे नेटवर्क की शुरुआत छठवीं शताब्दी से हो गई थी। जब भी रेलवे के पुरातन समय का नाम निकलता है तब तब ग्रीस का नाम सामने आता है। ऐसे में छठवीं शताब्दी से लेकर अब तक रेलवे के नेटवर्क ने काफी सफलता प्राप्त की और अपने आप को आधुनिकता के सांचे में ढाल दिया। आज के समय में दुनिया में सबसे अधिक ट्रांसपोर्टेशन का उत्तम मार्ग रेलवे ही है। परंतु बावजूद इसके आज भी दुनिया में कई ऐसे देश है जहां पर रेलवे का एक प्लेटफार्म तक नहीं है। इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ देशों के बारे में बताएंगे।
कुवैत
कुवैत भी दुनिया का ऐसा देश है जो कि आधुनिकता की सारी सफलताओं को प्राप्त करने के बावजूद भी अपने यहां रेल नेटवर्क खड़ा नहीं कर पाया। हालांकि कुवैत दुनिया में कच्चे तेल का सबसे बड़ा भंडार है। बावजूद इसके यहां पर रेल नेटवर्क नहीं है। हालांकि वर्तमान में यहां पर 1200 मील लंबे रेल नेटवर्क के प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया गया है जो कि कुवैत से ओमान के बीच होगा।
भूटान
भूटान में भी आज तक किसी प्रकार का कोई रेल नेटवर्क नहीं है। भूटान यह साउथ एशिया का सबसे छोटा देश है। इस देश में अभी तक यातायात का प्रमुख साधन सड़क मार्ग यही रहा है। हालांकि कुछ समय पहले भारत सरकार ने नेपाल के तोरीबारी से पश्चिम बंगाल के हाशीमारा तक 11 मील लंबे रेल नेटवर्क की शुरुआत करने का ऐलान किया है। बताया जा रहा है कि यह रेल नेटवर्क भूटान से होकर गुजरेगा जिससे भूटान वासियों को पहली बार रेलवे नेटवर्क की सुविधा प्राप्त होगी।
आइसलैंड
आइसलैंड एक ऐसा देश है जहां पर केवल तीन ही रेलवे के नेटवर्क है। इस देश में आबादी बहुत कम है और जलवायु की बहुत सख्त है इसके कारण ही विशेषज्ञों ने यहां पर रेलवे नेटवर्क संचालित करने के लिए बहुत ही चुनौतीपूर्ण कारणों को सुझाया है। हालांकि साल 1900 में इस देश में रेलवे नेटवर्क लाने के लिए काफी प्रस्ताव भी लाए गए थे परंतु बावजूद इसके उस पर कोई काम नहीं किया गया जिसके बाद साल 2000 में इस देश की राजधानी में पहला रेल नेटवर्क लाया गया।
लीबिया
लीबिया एक ऐसा देश है जहां पर आज तक कोई रेल नेटवर्क नहीं है। यहां पर जो रेलवे प्रोजेक्ट है अभी तो वह निर्माणाधीन है। यहां पर सिविल वार के समय सारणी रेलवे लाइन उखाड़ कर फेंक दी गई थी। साल 1965 से यहां पर कोई भी रेलवे नेटवर्क ऑपरेशनल नहीं है। हालांकि साल 2001 में यहां रास आजदीर से लेकर सिरते तक रेलवे प्रोजेक्ट पर काम शुरू हुआ था और साल 2008 से लेकर 2009 के बीच रास अजदीर् से लेकर त्रिपोली तक रेलवे लाइन पर काम शुरू किया गया था।
ईस्ट तिमोर
इस देश में अभी यातायात और ट्रांसपोर्टेशन का प्रमुख साधन सड़क नेटवर्क ही है। इस देश में भी अभी तक कोई रेल नेटवर्क नहीं है। हालांकि हाल ही में इस देश में 310.7 मील लंबे रेलवे ट्रैक का निर्माण करने के लिए प्रस्ताव लाया गया है जिस पर अभी काम शुरू होना बाकी है। इस देश में कम्युनिकेशन नेटवर्क और ट्रांसपोर्ट इन्फ्राट्रक्चर पहले से ही काफी खराब हालत में है जिसे अभी तक सुधारने का कोई प्रयास नहीं किया गया।
साइप्रस
किसी समय साइप्रस में भी रेल नेटवर्क हुआ करता था। साल 1905 से लेकर 1951 तक इस देश में एक रेलवे नेटवर्क हुआ करता था। परंतु इस देश पर आर्थिक महा संकट के दौरान वह रेल रेल नेटवर्क भी बंद कर दिया गया। जिसके बाद आज तक इस देश में किसी भी प्रकार का कोई रेल नेटवर्क नहीं है और इसलिए यहां पर ट्रांसपोर्ट के लिए सड़कों का भी इस्तेमाल किया जाता है।
गिनिया बिसाऊ
गिनिया बिसाऊ पश्चिम अफ्रीका का एक देश है जिस देश में भी आज तक कोई रेल नेटवर्क नहीं है। हालांकि साल 1998 में पुर्तगाल के साथ किए गए एक समझौते में इस देश में रेल नेटवर्क लाने का प्रयास किया गया था परंतु आज तक उस समझौते के ऊपर कोई भी काम नहीं किया गया। इस देश के सभी कामकाज केवल सड़क मार्गों के द्वारा ही किए जाते हैं और बुरे यातायात और ट्रांसपोर्ट का माध्यम केवल सड़क नेटवर्क ही है।
ऊपर दिए गए नाम मैं केवल इतने ही देश नहीं है जो रेलवे नेटवर्क से वंचित है बल्कि दुनिया में और भी कई ऐसे देश है जहां पर आज तक रेलवे नेटवर्क का अभाव है। इन देशों में मकाऊ, माइक्रोनेशिया, कतर, रवांडा, आईलैंड, टोंगा, वानुआतू और यमन जैसे देशों के नाम शामिल है।
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