दोस्तों वैसे तो दुनिया में कई बड़े अमीर लोग हैं। लेकिन चंद ही ऐसे लोग होते हैं जो दौलत से बड़े होने के साथ-साथ दिल से भी बड़े होते हैं। ऐसा ही एक बादशाह चौदहवीं शताब्दी में होकर गया जिसका नाम था मंसा मूसा। ऐसा कहा जाता है कि उस समय मंसा मूसा दुनिया के सबसे दौलतमंद व्यक्ति थे। उनकी सल्तनत भी काफी दूर तक फैली हुई थी। एक जानकारी के अनुसार मंसा मूसा माली सल्तनत के राजा थे। उन्हें टिंबक्टू का राजा भी कहा जाता है।
मंसा मूसा का साम्राज्य
एक जानकारी के अनुसार मंसा मूसा के बड़े भाई मंसा अबू बकर का राज्य सन 1280 से लेकर सन 1312 तक था। मंसा मूसा के बड़े भाई की मौत के बाद उस सल्तनत की गद्दी पर मंसा मूसा को बिठाया गया। मंसा मूसा का असली नाम मूसा कीटा प्रथम था। उस राजगद्दी पर बैठने वाले व्यक्ति को मंसा नाम से संबोधित किया जाता है इसलिए मूसा किटा प्रथम को मंसा मूसा प्रथम कहा जाने लगा।
जिस समय मंसा मूसा अपना राज्य संभाल रहे थे उस समय दुनिया में सोने की मांग बहुत ज्यादा हुआ करती थी। बताया जाता है कि उस समय दुनिया का आधा सोना अकेले मंसा मूसा के कब्जे में था। इतिहासकारों के द्वारा ऐसा बताया जाता है कि मंसा मूसा के संपत्ति के बारे में अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता। इतनी ज्यादा संपत्ति के मालिक होने के साथ-साथ मंसा मूसा काफी बड़े दरिया दिल आदमी थे।
400 बिलियन डॉलर संपत्ति के मालिक
जानकारी के अनुसार बताया जाता है कि मंसा मूसा लगभग 400 मिलियन डॉलर संपत्ति के मालिक से। हालांकि इस आंकड़े का कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है ऐसा कहा जाता है कि वे इससे भी ज्यादा संपत्ति के मालिक थे। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मंसा मूसा का साम्राज्य मॉरीटानिया, सेनेगल, गांबिया, गिनिया, बुर्किना फासो, माली, नाइजर, चाड और नाइजीरिया तक दूर दूर तक फैला हुआ था। उस समय इतनी बड़ी सल्तनत के वे अकेले ही राजा थे।
इस यात्रा के दौरान बांट दिया था लोगों में सोना
बताया जाता है कि मंसा मूसा साल 1324 में मक्का मदीना की यात्रा पर निकले थे। उनके पूरे जुलूस में 60000 लोग शामिल थे जिनमें से 12000 सैनिक उनके खुद के थे। उसी कारवां में 80 वोट भी शामिल थे जिनके ऊपर 136 किलो सोना लदा हुआ था। इसके साथ ही उनके भोले के आगे 500 लोग रेशमी लिबास पहने हुए चलते दिखाई दे रहे थे। इस पूरी यात्रा के दौरान मंसा मूसा ने साढे 6 हजार किलोमीटर की दूरी तय की थी।
बताया जाता है कि मंसा मूसा जब अपनी यात्रा के दौरान मिस्र की राजधानी से होकर गुजर रहे थे तब उन्होंने मिस्र की राजधानी काहिरा में गरीब लोगों को काफी सोना बांट दिया जिसके कारण तुरंत उस क्षेत्र में सोने के दाम गिर गए और पूरी अर्थव्यवस्था चकनाचूर हो गई। चारों तरफ महंगाई बढ़ गई और पूरा देश कंगाल हो गया। बताया जाता है कि मंसा मूसा का 57 साल की उम्र में निधन हो गया और उनके बाद उनके बेटे ने राजगद्दी संभाली। हालांकि मंसा मूसा की तरह उनका बेटा उस राजगद्दी को लंबे समय तक टिका नहीं पाया और उसके जाने के बाद वह पूरी सल्तनत टुकड़ों टुकड़ों में विभाजित हो गई और मंसा मूसा का साम्राज्य बर्बाद हो गया।
