भारत एक सांस्कृतिक देश है. यहाँ हमारे हर धर्म और भाषा के लोग रहते है. ये लोग अपने धर्म और श्रद्धा के अनुसार अपने प्रिय ईश्वर की पूजा-अर्चना करते है. दोस्तों हिन्दू धर्म के लोग पूजा करने के लिए घर के बाहर स्थित किसी मंदिर में जाते ही है. इसके आलावा हर हिन्दू के घर पर एक छोटा सा पूजा घर बना होता है. जहा पर वह नित्य पूजा-अर्चना करता है. इसके आलावा प्रतिवर्ष कई लोग दर्शन के लिए यात्रा में करते है. ये सब लोगों की भगवान् के प्रति अटूट श्रद्धा का ही चमत्कार है, जो उन्हें भक्ति के मार्ग पर इस कदर खिंच लेता है.
जो लोग घर के मंदिर में पूजा-पाठ करता है, इसका सीधा असर घर के सदस्यों और उनके कार्यो पड़ता है. घर में की गई पूजा का लाभ पूरे परिवार को होता है. लोग अपने पूजा घर में कई तरह की मूर्तियों से सजावट करते है और न जाने कितनी तस्वीरे इत्यादि लगाते है. कई बार लोग पूजा घर में कुछ ऐसी तस्वीरे या मूर्तियाँ स्थापित कर देते है, जिससे उनके घर पर इसका बुरा प्रभाव पड़ने लगता है. ऐसे में उन्हें पता नहीं होता कि आखिर ये समस्याए क्यों आ रही है? इन सब का कारण है पूजा-घर के कुछ दोष. इन दोषों की वजह से घर परिवार के लोगों पर काफी असर पड़ने लगता है.
तो आइये जानते है, क्या करे और क्या न करे:
1. अपने पूजा-घर में भैरव महाराज की तस्वीर या मूर्ति स्थापित न करे. शास्त्रों के अनुसार इन्हें भगवान् शिव का रूप बताया है और ये तांत्रिक प्रिय माने जाते है. बड़े-बड़े तांत्रिक इनकी साधनाए करते है. इसीलिए घर में इनकी पूजा को अशुभ बताया गया है.
2. पूजा घर में राहू और केतु की तस्वीर भूल से भी नहीं लगाये. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ये दोनों क्रूर ग्रह है. जिनकी पूजा करने से घर की शांति भंग हो सकती है.
3. पूजा-घर में भगवान् शिव की साधारण तस्वीर ही विराजमान करे. किसी भी रूद्र रूप वाली तस्वीर या नटराज की मूर्ति को मंदिर में कभी भी न रखे है. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार इससे घर की शांति भंग के साथ-साथ घर में भारी नुकसान की संभावना भी होती है. इलिलिये ऐसा करने से हमेशा बचे.
4. राहू-केतु के सामान शनि देव को भी क्रूर देवता बताया है. कहा जाता है इनकी पूजा घर के बाहर इनके मंदिर में ही की जाये तो ही लाभ प्राप्त होता है. अन्यथा बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते है.
5. पूजा-घर में कोई भी खंडित मूर्ति भूलकर भी न रखे, क्योंकि खंडित मूर्ति घर की खुशियों का खंडन करती है.
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