हर कोई व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में कोई न कोई कार्य करता रहता है. हर कोई अपने जीवन में कुछ हासिल कर लेना चाहता है, इसके लिए वह हर संभव प्रयास करता है. कई लोग अच्छे कार्य करके तो कई लोग बुरे कार्य करके आगे बढ़ते है. लेकिन लेकिन कहा जाता है ऊपर वाला इंसान के सारे कार्यों को देख रहा होता है और उसे अपने कर्मों के अनुसार फल देता है.
पृथ्वी पर अच्छे व बुरे कर्मों का फल देने के लिए शनि महाराज को न्याय के देवता के रूप में पूजा जाता है. कोई भी व्यक्ति कितना ही अच्छा या बुरा क्यों न हो उसे शनि देव के न्याय से की कचहरी से जरुर गुजरना पड़ता है. शनि देव उन्हें अपने कर्मों के अनुसार प्रतिफल देते है.
प्राचीन समय से ऐसी मान्यता चली आ रही है कि न्याय के देवता शनि देव एक बार जिस भी व्यक्ति पर प्रसन्न हो जाते है. उन्हें जीवन में पीछे मुड कर कभी नहीं देखना पड़ता है. उन लोगों पर शनि देव की विशेष कृपा बन जाती है और वे रातों रात मालामाल हो जाते है.
लेकिन यदि कोई भी व्यक्ति एक बार शनि की बुरी दृष्टी में आ गया तो शनि देव उसका जीना मुश्किल कर देते है. शनि देव का बुरे लोगों पर भयानक प्रकोप छा जाता है. ऐसे लोगों को अपने जीवन में आर्थिक परेशानियों का तो सामना करना पड़ता ही है. साथ में शारीरिक, मानसिक प्रताड़ना भी मिलती है और उनके घर में कोई भी कोई भी व्यक्ति सुखी नहीं रह पाता है. हर जगह से नुकसान ही नुकसान होने लगता है. तभी तो ऐसा कहा जाता है कि शनि की साढ़ेसाती लग गई है या शनि भारी चल रहा है या महादशा चल रही है.
शनि की महादशा और साढ़ेसाती से बचने के लिए आप हमारे द्वारा बताये गए कुछ उपाय कर सकते है:
गरीबों को ज्यादा से ज्यादा दान करे.
शनिवार को शनि महाराज और हनुमान जी को सरसों का तेल चढ़ाये.
हमेशा काली वस्तुओं का ही दान करे, जैसे: कम्बल, वस्त्र, क छाता, अनाज, दाल.
पूजा के समय से शनि देव के सामने करे सरसों के तेल का दीया.
पूजा के बाद शनि देव को चढ़ाए काले तिल.
शनिवार को करे लोहे की वस्तुए दान.
मंगलवार और शनिवार को करे हनुमान जी व शनि महाराज का दशरथकृत पाठ.
ये सभी उपाय करने से आपको निश्चिन्त ही फायदा होने वाला है. इसीलिए हमेशा शनि देव को प्रसन्न रखे ताकि आप पर उनकी दया दृष्टी बनी रहे और सफलता आपके कदमों को चूमने लगे.
