दोस्तों वैसे तो पुलिस की ड्यूटी अपने आप में एक सेवा का कार्य है जो देश के लोगों की सेवा में दिन-रात तत्पर रहती है। परंतु इसके अलावा भी चंडीगढ़ के एक पुलिस कॉन्स्टेबल ऐसे हैं जो पर्यावरण की सुरक्षा में अपने आप को समर्पित करते हैं। चंडीगढ़ के पुलिस कांस्टेबल देवेंद्र सुरा पिछले 10 वर्षों से अपने इलाके के कई सूखे क्षेत्रों में पेड़ लगाने का काम कर रहे हैं और अब तक उन्होंने सैकड़ों पेड़ लगाए हैं और इलाके को हरा-भरा बना दिया है।
इस प्रकार आया पेड़ लगाने का विचार
दरअसल कॉन्स्टेबल देवेंद्र सुरा साल 2011 में चंडीगढ़ में कांस्टेबल के पद पर तैनात हुए थे। मूल रूप से हरियाणा के सोनीपत जिले के रहने वाले हैं। जब वे चंडीगढ़ में अपनी ड्यूटी ज्वाइन करने पहुंचे तो उन्होंने वहां पर काफी सारी हरियाली देखी और सोचा कि हमारे हरियाणा के गांव में इतनी हरियाली नहीं है और वहीं से उन्होंने यह विचार किया कि क्यों ना अपने गांव को फिर से पेड़ लगाकर हरा-भरा बनाया जाए।
पेड़ लगाने के लिए बैंक से लिए 17 लाख
इसके बाद देवेंद्र सुरा ने सबसे पहले अपने गांव सोनीपत से पेड़ लगाने की शुरुआत की। धीरे-धीरे उनकी यह पहल आगे बढ़ती चली गई और एक गांव से दूसरे गांव में पेड़ लगाते लगाते आगे बढ़ते चले गए। आज लगभग 185 गांवों में देवेंद्र सुरा पेड़ लगा चुके हैं। उनके इस अद्भुत पर्यावरण प्रेम को देखकर उस इलाके के लोग उन्हें ट्रीमैन के नाम से बुलाने लगे हैं। बता दें कि देवेंद्र शूरा ने पैसों की कमी के चलते अलग-अलग बैंकों से 17 लाख रुपए लोन भी लिया ताकि और अधिक पेड़ लगाए जा सके। उन्होंने इस पूरी राशि को पेड़ लगाने में खर्च कर दिया।
सभी को पेड़ लगाने के लिए जागरूक करते हैं देवेंद्र
उनके द्वारा किए जा रहे इस पर्यावरण रक्षण के काम पर जवाब देते हुए देवेंद्र सुरा ने बताया कि “यह अच्छी बात है कि वह पेड़ लगा रहे हैं, लेकिन अगर वह पीपल, अमलतास, बरगद की भारतीय प्रजातियां लगाते हैं, तो इससे हमारे पर्यावरण को ज्यादा फायदा होगा। ये पेड़ ज्यादा ऑक्सीजन छोड़ते हैं। वह खुद भी ऐसे ही पेड़ लगाते हैं।” कॉन्स्टेबल देवेंद्र सुरा अपने साथ काम कर रहे अन्य लोगों को भी पर्यावरण के प्रति जागरूक करते रहते हैं और गांव के लोगों को भी इस काम में हाथ बंटाने के लिए प्रेरित करते रहते हैं।
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