दोस्तों हम सभी जानते हैं यूपीएससी की परीक्षा पास करना किसी भी परीक्षार्थी के लिए बिल्कुल भी आसान टास्क नहीं होता। हर साल लाखों प्रतिभागी इस परीक्षा में अपना लक आजमाने के लिए जी तोड़ मेहनत करते हैं। दिन रात मेहनत करने के बावजूद भी उनमें से कुछ प्रतिभागी ही यूपीएससी की परीक्षा को पास कर पाते हैं और बाकी सभी परीक्षार्थियों को अपने अगले अटेंड की तैयारी में जुट जाना पड़ता है।
लेकिन एक ऐसी भी परीक्षार्थी रही है जिसमें यूपीएससी की तैयारी शुरू करने से पहले इस बात का निश्चय कर लिया था कि उनका पहला अटेम्प्ट ही लास्ट अटेम्प्ट होना चाहिए। यानी कि उनका पूरी तरह से मन बना हुआ था कि उन्हें पहली बार में ही यूपीएससी की परीक्षा को पास कर लेना है और आईएएस जैसी अच्छी नौकरी हासिल करनी है। दोस्तों हम जिस आईएएस अफसर की बात कर रहे हैं उनका नाम है सृष्टि जयंत देशमुख।
पहले ही प्रयास में पास होने का किया था निर्णय
सृष्टि जयंत देशमुख यह नाम आज किसी से भी अनजान नहीं है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जन्मी सृष्टि देशमुख इंजीनियरिंग की छात्रा रह चुकी है। सृष्टि जब इंजीनियरिंग के तीसरे साल की पढ़ाई कर रही थी तब उन्होंने सोचा था कि इंजीनियरिंग करने के बाद इंजीनियर बन कर एक सिंपल सी नौकरी करने की बजाय अगर आईएएस जैसी पद प्रतिष्ठा और बहू आयाम वाली नौकरी की जाए तो जिंदगी सफल हो जाए।
सृष्टि जयंत देशमुख ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उनकी पढ़ाई में उनका साथ देने के लिए उनके दोस्तों परिवार वालों और अभिभावकों ने काफी ज्यादा मदद की। सृष्टि कहती है कि उन्होंने जब यह पढ़ाई शुरू की थी तो उन्होंने यही सोचा था कि उन्हें पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास करनी है। सृष्टि के माता पिता का भी सृष्टि को फुल सपोर्ट था। सृष्टि की मां एक टीचर है और उनके पिता इंजीनियर है। लेकिन उन दोनों प्रोफेशन से अलग सृष्टि ने आईएएस की नौकरी को ही अपना सपना बनाया।
पढ़ाई करने का तरीका कैसा होना चाहिए
जो परीक्षार्थी अपनी पढ़ाई की तैयारी कर रहे हैं उनको संदेश देते हुए सृष्टि कहती है कि आपको पढ़ाई शुरू करने से पहले विगत 5 से 7 सालों के क्वेश्चन पेपर का ठीक से अध्ययन करना चाहिए और उस आधार पर ही आपको आइडिया मिलेगा कि आपको किन चीजों की जरूरत है। इसके साथ ही आपको इंटीग्रेटेड अप्रोच के साथ अपनी पढ़ाई करनी है। प्रीलिम्स हो या मेंस हो या फिर इंटरव्यू हो इन सभी का अलग-अलग प्रारूप होने के कारण पढ़ाई करने का तरीका और सोर्सेज भी अलग-अलग होते हैं।
ऑप्शनल सब्जेक्ट को लेकर सृष्टि कहती है कि हमें वही ऑप्शनल सब्जेक्ट का चुनाव करना चाहिए जो हमें पसंद है। उस सब्जेक्ट को नहीं चुनना चाहिए जिसकी हमें जरूरत महसूस हो रही है। सृष्टि ने बताया कि उन्हें केमिकल इंजीनियरिंग में काफी ज्यादा रूचि थी। लेकिन इस सब्जेक्ट का ऑप्शन ना होने के कारण उन्हें समाजशास्त्र कोई अपना ऑप्शनल सब्जेक्ट चुनना पड़ा।
